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संक्षेप

     कैम्ब्रिज शोधकर्ता जेम्स वर्तमान महामारी के बारे में काफी चिंतित है जब एक साथी शोधकर्ता रमेश उसे यह कहते हुए आशन्वित करता है कि मानव इतिहास में पहली बार ऐसी घटना नहीं हो रही है। अपनी बात पर प्रकाश डालते हुए, रमेश सुदूर अतीत, लगभग 4500 वर्ष पहले से एक कहानी सुनाता है कि कैसे मानव जाति अतीत में सारी विपदाओं को पार करके बची रही है और आगे बढ़ती रही।
    आगे रमेश जेम्स को वर्तमान काल की दास्तान बताकर ढाढ़स बढ़ाता है कि कैसे मानव जाति कोरोना महामारी के कठिन दौर में उससे दो-चार करते हुए, अपने को नई परिस्थितियों में ठाल कर आगे बढ़ती जा रही है। वास्तविक मीटिंगो के बजाय वर्चुअल गेट-टूगेदर करने लगी है।… रमेश जेम्स को विश्वास दिलाता है कि हम अवश्य कामयाब होगें और आगे बढ़ते रहेंगे।  
     लचीलापन, आशा और मानव जाति की अदम्य भावना की कहानी, यह आज के समय के लिए एकदम खरी उतरती है जिसमें हम जी रहे हैं।